उसने रात के अँधेरे में मेरी हथेली पे नाजुक सी
ऊँगली से लिखा……
” मुझे प्यार है तुझसे “
जाने कैसी स्याही थी ???
वो लफ्ज मिटे भी नही… और आज तक दिखे भी
नही ……"


सोचा था बहुत टूट के चाहेंगे तुम्हें ,
सोचा भी हमने ,
चाहा भी हमने ,
और टूट भी हम गये !!"


बात # मुक्कदर पे आ के रुकी है वर्ना ,
कोई कसर तो न छोड़ी थी # तुझे_चाहने_में ....!


अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदें भी रूठ गयी…! गुमनाम
ज़िन्दगी थी तो कितने सकून से सोया करते थे …!!


अलफ़ाज़ तो बहुत हैं,मोहब्बत बयान करने के लिए।
पर जो खामोशी नहीं समझ सके, वो अलफ़ाज़ कया
समझेंगे !!


तुम पूछो और मैं न बताऊं ऐसे तो हालात नहीं
एक जरा सा दिल टूटा है और तो कोई बात नही


ना जाने क्यों रेत की तरह निकल जाते है हाथों से
‘वो लोग ‘ ,जिन्हें जिन्दगी समझ कर हम कभी
खोना नही चाहते ..


उसका वादा भी अजीब था..
कि जिन्दगी भर साथ निभायेंगे,
मैंने भी ये नहीं पुछा की
मोहब्बत के साथ या यादों के साथ..!!


उमर बीत गई पर एक जरा सी बात समझ में
नहीं आई..हो जाए जिनसे महोब्बत, वो लोग
कदर क्यूं नहीं करत


कांच के टुकड़े बनकर
बिखर गयी है ज़िन्दगी हमारी
किसी ने समेटा ही नही
हाथ ज़ख़्मी होने के डर से.


"महफील भले ही प्यार करने वालो की हो,
उसमे "रौनक" तो "दिल टुटा हुआ शायर" ही लाता
है!!


चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी..
लोगो को सीखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है.


पानी समुन्दर में हो या आँखों में
गहराई और राज दोनों में होते है ।।


मंज़िल भी नहीं…ठिकाना भी नही…
वापस उनके पास जाना भी नहीं…
मैंने ही सिखाया था उन्हें तीर चलाना और..
अब मेरे सिवा उनका कोई निशाना भी नहीं..


कुछ लोग होते है आॅसूओ की तरह ~`
पता ही नही लगता साथ दे रहे है!
! या छोर कर जा रहे ह


टूटने लगे होसले तो बस ये याद रखना
बिना मेहनत के हासिल तख्तो-ताज नहीं होता
ढूंड लेना अंधेरे मे मंजिल अपनी
जुगनू कभी रोशनी का मोहताज नही होता"


छुपे छुपे से रहते हैं,
सरेआम नहीं हुआ करते ।
कुछ रिश्ते बस एहसास होते हैं,
उनके नाम नहीं हुआ करते ।।"


उसने एक बार कहा था की प्यार सिर्फ मुझसे
करना . कसम उस दिन की मुहब्बत की निग़ाह
से फिर कभी खुद को भी नही देखा


पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त...
आँखों में डूबने वालों का अंजाम बुरा होता है..!"


मेरे अलावा किसी और को अपना महबूब बना कर
देख ले..
तेरी हर धड़कन कहेगी उसकी वफ़ा मैं कुछ और बात
थी..



भूल कर भी अपने दिल की बात किसी से मत कहना,
.
यहाँ कागज भी जरा सी देर में अखबार बन जाता है !


हर कोई मुझे जिंदगी जीने का तरीका बताता है।
उन्हे कैसे समझाऊ की एक ख्वाब अधुरा है मेरा…
वरना जीना तो मुझे भी आता है.


"दिल में एक उम्मीद बरकरार रखी है....ऐ
दोस्तों....,
कही पढ़ लिया था कि सच्ची मोहब्बत लौटकर आती
है...!


तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना,
हम ‘जान’ तो दे देते हैं.
मगर ‘जाने’ नहीं देते..


हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह…
वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थ


मुझे आदत नहीं यूँ हर किसी पे मर मिटने की…!
पर तुझे देख कर दिल ने सोचने तक की मोहलत ना
दी...!!


"ज़िन्दगी को तनहा
वीराने में रहने दो,
ये इश्क़ मोहब्बत
किताबो में रहने दो..!!


गालिब ने क्या खूब कहा हे ; ऐ चाँद तू किस मजहब
का हे ,? ईद भी तेरी और करवाचौथ भी तेरा !


तकदीर बनाने वाले
तूने भी हद कर दी....
तकदीर में किसी और का नाम लिखा था
और दिल में चाहत किसी और की भर दी...


तुझें भूलना भी एक तरीके की जीत हैं मेरी
क्यूँकि इतनी मेहनत मैंने तुझे पाने के लिए भी नहीं
की थी ।।।


उनके खूबसूरत चेहरे से "नकाब" क्या उतरा
जमाने भर की नीयत "बेनकाब" हो गयी..!!"


मुझसे रूठना मत, मुझे मनाना नहीं आता… मुझसे दूर
मत जाना, प्यार से मुझे वापस बुलाना नहीं आता…
तुम मुझे भूल जाओ यह तुम्हारी मर्ज़ी, पर मै क्या
करू, मुझे तो भुलाना भी नहीं आता…


तलाश कर मेरी कमी को अपने दिल में...
दर्द हो तो समझ लेना कि रिश्ता अभी बाकी है..


ज़िन्दगी में प्यार का पौधा लगाने से पहले जमीन
परख लेना,,
हर एक मिट्टी की फितरत में वफा नही होती !!!"